प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: (PMFBY) ऑनलाइन फॉर्म, Fasal Bima Yojana

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana PMFBY in hindi | भारतीय कृषि व्यवस्था में किसानों को अक्सर प्राकृतिक आपदाओं के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है। सूखे, बाढ़, ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश जैसी घटनाएं उनकी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। इसी समस्या को हल करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की। यह योजना किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच का काम करती है, उन्हें वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है और कृषि को अधिक टिकाऊ बनाती है।

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana PMFBY

✅ योजना का नामप्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
✅ विभागमिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर
✅ लाभार्थीदेश के किसान
✅ ऑनलाइन आवेदन के आरंभ तिथिआरंभ है
✅ उद्देश्यदेश के किसानों को सशक्त बनाना
✅ सहायता राशि₹200000 तक का बीमा
✅ योजना का प्रकारकेंद्र सरकार की योजना
✅ आधिकारिक वेबसाइटhttps://pmfby.gov.in

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) एक सरकारी योजना है, जिसे 18 फरवरी 2016 को लॉन्च किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक और उसके बाद भी होने वाले नुकसान से बचाना है। यह योजना पुरानी योजनाओं की कमियों को दूर करते हुए एक व्यापक बीमा कवरेज प्रदान करती है, जिससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं के दौरान होने वाले नुकसान की भरपाई मिल सके।

यह योजना न केवल किसानों की आय को सुरक्षित रखती है, बल्कि उन्हें बिना किसी आर्थिक दबाव के खेती जारी रखने के लिए प्रोत्साहित भी करती है।


PMFBY के प्रमुख लाभ और विशेषताएं

यह योजना अपनी कई विशेषताओं के कारण किसानों के बीच लोकप्रिय है:

  • सबसे कम प्रीमियम: किसानों को प्रीमियम का केवल एक छोटा हिस्सा ही देना होता है।
    • खरीफ फसलें: प्रीमियम का केवल 2%
    • रबी फसलें: प्रीमियम का केवल 1.5%
    • वाणिज्यिक और बागवानी फसलें: प्रीमियम का केवल 5% बाकी का प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर चुकाती हैं।
  • व्यापक जोखिम कवरेज: यह योजना फसल की बुवाई न होने से लेकर कटाई के बाद तक के जोखिमों को कवर करती है। इसमें प्राकृतिक आपदाएं, ओलावृष्टि, भूस्खलन, कीट, और बीमारियां भी शामिल हैं।
  • 14 दिन का कटाई-पश्चात कवरेज: यदि फसल कटने के बाद 14 दिनों तक खेत में सूखने के लिए रखी है और उस दौरान बेमौसम बारिश या चक्रवात से खराब हो जाती है, तो भी बीमा कवर मिलेगा।
  • स्थानीय आपदाओं का कवरेज: ओलावृष्टि और जलभराव जैसी स्थानीय आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन व्यक्तिगत आधार पर किया जाता है और किसानों को तुरंत सहायता मिलती है।
  • तकनीकी का उपयोग: नुकसान का आकलन करने और भुगतान प्रक्रिया को तेज करने के लिए उपग्रह इमेजरी, रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी और ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। किसान “फसल बीमा ऐप” के माध्यम से नुकसान की रिपोर्ट 72 घंटे के भीतर कर सकते हैं।

PMFBY के तहत कौन-कौन से जोखिम कवर होते हैं?

यह योजना निम्नलिखित जोखिमों को कवर करती है:

  1. पैदावार का नुकसान: सूखा, बाढ़, आग, ओलावृष्टि, कीटों का हमला, और बीमारियों के कारण फसल की पैदावार में होने वाला नुकसान।
  2. बुवाई में रुकावट: यदि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण किसान बुवाई या रोपाई नहीं कर पाता है, तो उसे बीमा राशि दी जाती है।
  3. खेत में खड़ी फसल का नुकसान: यदि खड़ी फसल को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान पहुँचता है।
  4. स्थानीय आपदाएं: किसी विशेष क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि या भूस्खलन जैसी घटनाओं से हुए नुकसान।
  5. कटाई के बाद का नुकसान: कटाई के बाद खेत में रखी फसल को 14 दिनों के भीतर होने वाला नुकसान।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन कैसे करें?

किसान इस योजना में आवेदन करने के लिए कई तरीकों का उपयोग कर सकते हैं। यह प्रक्रिया बहुत ही सरल और पारदर्शी है।

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  • स्टेप 1: आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले, pmfby.gov.in की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • स्टेप 2: ‘किसान कॉर्नर’ पर क्लिक करें: होम पेज पर ‘Farmers Corner’ या ‘किसान कॉर्नर’ विकल्प पर जाएं।
  • स्टेप 3: नया उपयोगकर्ता पंजीकरण: यदि आप पहली बार आवेदन कर रहे हैं, तो ‘New Farmer Registration’ पर क्लिक करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे- नाम, पता, उम्र, और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • स्टेप 4: आवेदन फॉर्म भरें: लॉगिन करने के बाद, अपनी फसल से संबंधित जानकारी भरें, जैसे- फसल का प्रकार, बुवाई का क्षेत्र, और बैंक खाते का विवरण।
  • स्टेप 5: दस्तावेज़ अपलोड करें: आवश्यक दस्तावेज़, जैसे आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी, जमीन के कागजात और फसल बुवाई का प्रमाण अपलोड करें।
  • स्टेप 6: प्रीमियम का भुगतान करें: ऑनलाइन भुगतान गेटवे के माध्यम से अपने हिस्से के प्रीमियम का भुगतान करें।
  • स्टेप 7: आवेदन सबमिट करें: सभी जानकारी की जांच करने के बाद, आवेदन सबमिट करें।

आप अपने नजदीकी बैंक, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।

यह योजना न केवल किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए भी मजबूत बनाती है। इसलिए, हर किसान को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q1: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) क्या है?

A1: यह भारत सरकार की एक योजना है जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और बीमारियों के कारण फसल को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए बीमा कवरेज प्रदान करती है।

Q2: इस योजना में प्रीमियम कितना देना होता है?

A2: किसानों को खरीफ फसल के लिए 2%, रबी फसल के लिए 1.5% और वाणिज्यिक/बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम देना होता है। बाकी का प्रीमियम सरकार भरती है।

Q3: कौन-कौन से जोखिम कवर होते हैं?

A3: बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, भूस्खलन, कीटों का हमला, और बेमौसम बारिश जैसे प्राकृतिक कारणों से होने वाले फसल के नुकसान इसमें कवर होते हैं। कटाई के बाद 14 दिनों तक का नुकसान भी शामिल है।

Q4: PMFBY आवेदन कहाँ और कैसे कर सकते हैं?

A4: आप PMFBY की आधिकारिक वेबसाइट pmfby.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने नजदीकी बैंक या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।

Q5: क्या फसल खराब होने पर शिकायत दर्ज करने की कोई समय सीमा है?

A5: हाँ, फसल खराब होने की घटना के 72 घंटे के भीतर आपको बीमा कंपनी या कृषि विभाग को सूचित करना होता है। आप ‘फसल बीमा ऐप’ का इस्तेमाल करके भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

Q6: क्या सभी किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं?

A6: हाँ, भारत का कोई भी किसान जिसके पास अपनी जमीन है या जो किराये पर खेती करता है, वह इस योजना में शामिल हो सकता है। यह सभी किसानों के लिए खुली है।

Q7: आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज़ चाहिए?

A7: मुख्य रूप से आधार कार्ड, बैंक पासबुक की कॉपी और जमीन के कागजात (खसरा-खतौनी) की जरूरत होती है।

Q8: अगर फसल खराब हो जाए तो बीमा राशि कैसे मिलती है?

A8: नुकसान की रिपोर्ट करने के बाद, बीमा कंपनी या कृषि विभाग द्वारा नुकसान का आकलन किया जाता है। आकलन के बाद, बीमा राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा कर दी जाती है।


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